मासूम दोस्ती
सूर्या अपने बिस्तर सोया हुआ था तभी उसके फोन की घंटी बजी।
उसने नीन्द में ही फोन उठाया और बिना देखे ही बोला- हाँ! कौन??
आज कॉलेज जल्दी आना है पाठक साहब! - विक्की की आवाज उसके कानों में पडी।
सूर्या एकदम से उठकर बैठ गया और उसे याद आया कि आज उसे लक्षिता के साथ कॉलेज घूमना पडेगा।
उसने सोचा कि क्यों न कोई बहाना बना दिया जाए।
उसने विक्की को बैक कॉल किया और बोला- विक्की! यार आज मेरी तबियत कुछ सही नहीं लग रही है, तो मैं आज कॉलेज नहीं आ पाऊँगा । तुम लोग चले जाना।
विक्की सूर्या की बात सुनकर एकदम सीरियस हो गया और बोला- अरे कॉलेज गया भाड़ में । तेरी तबियत ठीक नहीं है,तो मैं और डेनि अभी तेरे पास आ रहे हैं । तब तक तू अपना खयाल रख।
इतना कहकर विक्की ने फोन रख दिया ।
सूर्या सिर पकड कर बैठ गया ।
ये मैंने क्या किया?? एक नई मुसीबत मोल ले ली ।
अब ये दोनों यहीं आ धमकेंगे। फिर डॉक्टर, दवाईया, इन्जेक्शन??- सूर्या ने मुँह बना लिया।
अब तो सच में बीमार होने की ऐक्टिंग करनी पड़ेगी सूर्या! अब जल्दी से बीमारों वाला हुलिया बनाकर लेट जा- सूर्या ने खुद से ही कहा और फिर से लेट गया ।
विक्की ने डेनि को कॉल किया।
डेनि कॉल रिसीव करते ही बोला- हाँ विक्की! बस निकल ही रहा हूँ ।
अभी कॉलेज नहीं जाना है- विक्की ने कहा
क्यों, क्या हुआ- डेनि ने आश्चर्य से पूछा ।
हुआ ये कि सूर्या की तबियत खराब हो गई है , तो तू वहीं पहुँच । मैं भी आता हूँ- विक्की ने जवाब दिया ।
अचानक से क्या हुआ उसे? चल मैं पहुँचता हूँ । पहुंचकर ही बात करते हैं ।
दोनों जल्दी से सूर्या के घर पहुंचे।
सूर्या यहाँ अकेला ही रहता था । उसकी फैमिली बंगलौर रहती थी ।
उसे भी तो न जाने कितनी बार कहा था उसके पेरेंट्स ने कि बंगलौर आ जाए। लेकिन वो अपने दोस्तों को छोडकर वहाँ आने को राजी नहीं हुआ।
सूर्या! ओ सूर्या- विक्की ने घर में घुसते ही चिल्लाना शुरु कर दिया ।
विक्की! तू पागल है क्या?- डेनि ने कहा तो विक्की उसे घूरने लगा।
हाँ! सही तो कह रहा हूँ, घूर क्या रहा है । जब उसकी तबियत खराब है तो वो अपने बैडरूम में ही होगा ना। यहाँ से चिल्लाने की क्या जरुरत है- डेनि ने उसे समझाते हुए कहा ।
विक्की ने बदले में सडा सा मुँह बना दिया।
इसका कुछ नहीं हो सकता- डेनि खुद ही खुद में बडबडाया ।
दोनों सूर्या के रुम में पहुँचे । सूर्या आँखें बंद किये हुए लेटा था।
सूर्या! क्या हुआ तुझे- डेनि ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए पूछा।
सूर्या ने आँखें खोलीं तो देखा कि उन दोनों के चेहरे पर चिंता थी।
कितनी फिक्र है तुम लोगों को मेरी। मेरे बस एकबार कहने पर तुम लोग दौडे चले आए। एक बार भी यह नहीं सोचा कि मैं बहाना तो नहीं बना रहा, मजाक तो नहीं कर रहा ।
काश! दुनिया में सारे दोस्त तुम्हारी तरह सच्चे होते- सूर्या मन ही मन खुद से कह रहा था ।
सूर्या ! तबियत ज्यादा खराब है क्या- विक्की ने उसका हाथ थामते हुए पूछा ।
सूर्या ने कोई जवाब नहीं दिया।
चलो! उठो और चेंज करो। डॉक्टर के पास चलते हैं- डेनी ने सूर्या को उठाते हुए कहा ।
सूर्या ने गौर से दोनों को देखा और फिर जोर जोर से हँसने लगा। न जाने कितने दिनों बाद सूर्या इतना खुलकर हँसा था।
दोनों उसे ऐसे हँसते हुए देखकर चौंक गए ।
अरे! मजाक कर रहा था यार।- सूर्या ने हँसते हुए ही कहा।
तो दोनों उसे गुस्से से घूरने लगे।
ऐसा मजाक कौन करता है सूर्या? पता है हम लोग कितना डर गए थे- डेनि ने नाराजगी से कहा ।
अरे! तुम लोग तो बिल्कुल बुद्धू हो। सच में- सूर्या अभी भी हंस रहा था ।
अगर आइंदा तुमने खुद को लेकर कभी ऐसा मजाक किया,तो हम लोग तुमसे कभी बात नहीं करेंगे- विक्की ने उसे धमकी दी ।
सूर्या उसकी बात सुनकर एकदम से चुप हो गया ।
अब मेरी शकल क्या देख रहा है । जा जल्दी से रेडी होकर आ । हम लोग साथ में ही कॉलेज के लिए निकलते हैं ।
सूर्या उठकर रेडी होने चला गया ।
अब साढे सात बज चुके थे ।
इधर कॉलेज में प्रेक्षा और लक्षिता उनका वेट कर रहीं थीं
ये लोग अभी तक आये क्यों नहीं- लक्षिता ने झुंझलाते हुए कहा ।
शायद उन्हें कोई काम आ गया होगा- प्रेक्षा ने कहा ।
अरे! अगर कोई काम था तो पहले ही बताना चाहिए था ना। मुझे दुनिया का सबसे बुरा काम लगता है इन्तजार करना- लक्षिता की झुंझलाहट जारी थी।
लक्षिता••••वो°°°- प्रेक्षा ने कुछ कहना चाहा।
तभी लक्षिता एकदम बोल पडी- मैं भी ना बिल्कुल पागल हूं । मैं उन लोगों का वेट क्यों कर रही हूँ? तुम तो मेरे साथ हो । तुम भी मुझे कॉलेज घुमा सकती हो ।
हाँ! क्यों नहीं- प्रेक्षा ने मुस्कुराकर जवाब दिया ।
और फिर दोनों साथ में कैम्पस में ही घूमने लगीं।
सूर्या! और कितना टाईम लगेगा- विक्की ने घड़ी देखते हुए कहा । इतना टाईम तो कोई दुल्हन भी संजने-संवरने
में नहीं लगाती ।
आ रहा हूँ यार- सूर्या ने बाल बनाते हुए ही कहा।
फिर थोडी देर बाद तीनों कॉलेज के लिए निकल गए।
तीनों अपने रोज वाले टाईम यानी 8 बजे ही स्कूल पहुँचे थे । और मॉर्निंग असेंबली में जाकर खडे हो गए।
असेंबली से जैसे ही क्लास में पहुँचे एक आवाज डेनि के कान में पडी- एक्सक्यूज़ मी मिस्टर डिसुज़ा!
डेनि ने एकदम से मुड़कर आवाज की दिशा में देखा और सामने वाले शख्स को देखकर हैरान रह गया ।
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पार्ट आपके comments पर डिपेंड करता है। जितने ज्यादा comments होंगे , पार्ट भी उतना ही बडा मिलेगा।😊😊😊😊😊😊😊😊
shweta soni
23-Jul-2022 05:05 PM
👌👌👌
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